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बाघ / वरवर राव
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नेहरू चिड़ियाघर में
कल
चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी चुनने गया
पुरानी बस्ती का ग़रीब मुस्लिम लड़का
दीवार पर चढ़ा जब
फिसल कर गिर गया अन्दर की तरफ़
मार दिया
पिंजरे में बाघ ने उसे
आज
सखाओं के साथ आनन्दपूर्वक खेलने वाली
'सखी' को बेहोश कर
उसकी खाल उतार कर और नाख़ून उखाड़ कर
ख़ून को निचोड़ कर
फेंक दिया उसका प्रेत-कलेवर
ग्लोबल-बाघ ने ।