भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चीनुआ एचेबे / परिचय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:33, 8 मार्च 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

अफ्रीकी अस्मिता और मानव मुक्ति के अथक योद्धा नाइजीरियाई साहित्यकार चीनुआ एचेबे (1930-2013) का एक दुष्काल में जाना मनुष्यहित की एक बड़ी क्षति है। अपनी कलम से वे जीवन-भर उपनिवेशवाद, नस्लवाद और सैन्यवाद से लड़ते रहे। उनकी प्रमुख कृतियां हैं : - (उपन्यास) 'थिंग्स फाल एपाई', 'नो लांगर एट इज़', 'ए मैन ऑफ द दि पीपुल', 'एंटहिल ऑफ दि सवाना', (कहानी संग्रह) 'गल्र्स एट वार', (कविता संग्रह) 'बिवेट सोल ब्रदर'।