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बेटे के लिए / निवेदिता

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महसूस कर सकती हूँ
तुम्हारे भीतर हो रहे बदलाव को
उस हवा को भी जो तुमको छू कर गुज़रती है
पहचानती हूँ उस बहाव को
जहाँ से शुरू होती है सपनों की धरती
फूट पड़ने को आतुर
तुम्हारे पास जिन्दगी के नए अनुभव हैं
मेरे पास अनुभवों से गुज़रते हुए
जीवन की यादें और गाथाएं
फिर क्यों लगता है, कि हम दोनों
दो युगों की तरह हैं.
 
क्या कोई राह है
जो एक दूसरे से मिलती हों
उठो अगुआई करो और भर लो इस सृष्टि को
सौपती हूँ तुम्हें अतीत के सपने
पूर्वजों की आवाज़
नए समय में जरूरत होगी तुम्हें
हो सकता है
आने वाले समय में
तुम नहीं देख सको
ये जंगल
ये पहाड़
ये धरती
और बसंत का खिलना
जब उजली धुली सुमद्र की लहरें
नहीं कर रही हों तुम्हारा आलिगंन
जब नहीं सुन सको हवाओं में देवदार के गीत
तुम याद करना पूर्वजों को
जो दे गए हैं
घने जंगल का रहस्यमयी स्वर
नगाड़ों की थाप
बसंत के मुख़्तसर सपने
बुरे और पराजित समय में भी वे देंगे साथ
 
यह समय पूंजी का है
पूंजी जहाँ होती है वहां नहीं होते सपने
सपने और भूख की लगेगी बोली
जब धरती आकाश सब होगा उनके नियंत्रण में
नहीं बचेगा महान सभ्यता का कोई अवशेष
जहाँ नहीं होगी पैरों के नीचे ठोस ज़मीं
नहीं होगा सतरंगों से घिरा आसमान
यदि तुम रोक सको तो रोकना
अपनी पूरी ताकत से
विचार से
 
ये दुनिया हमारी है
हमारी यादों और जीवन से लबरेज
गरम लोहे सी लाल धरती हमारी है
धरती-सा स्पन्दित हमारा ह्दय
हमारी आत्मा
सौपती हूँ तुम्हें
सौपती हूँ मुक्ति का स्वप्न
ये गीत तुम्हें ही गाने होंगे
कहना होगा
जलो जलो पुरातन पृथ्वी
नछत्र सौरमंडल जलो
जल अतल जलो