भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रेम-2 / निवेदिता
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:58, 21 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निवेदिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हमारे बीच सिर्फ शब्द यात्रा करते हैं
दूर पहाडि़यों से उतरते है शब्द
नदी, झरनों में तैरते हुए
भीगे - भीगे से पहुँचते है