भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अब / आशुतोष दुबे
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:47, 1 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आशुतोष दुबे |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पन्ना बनाया)
बहुत दिनों से मेरी क्षमा-याचिका मेरे पास लंबित थी
आखिर ऊबकर मैंने उसे खारिज कर दिया.
अब किसी भी सुबह यह धुकपुकी खामोश हो सकती है
कि मैं अपने इंतज़ार में हूँ...