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कूटळो चुगण आळा / निशान्त
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कूटळो चुगण आळा
घरां स्यूं
कूटळो नीं मांगै
स्यात बै इत्ती
समझ राखै कै
जे कुटळो मांग्यो तो
घर आळा काठा होज्यैगा
ईं वास्तै बै सदां
कचरो गळी स्यूं ई चुगै
भलांई कूटळो
गळी तांई आंवतो-आंवतो
अर गळी में पड़्यो-पड़्यो
कित्तोई
छीज्यै ।