पवित्र हत्यारे / अमिताभ बच्चन
पवित्र हत्यारे दिन-दहाड़े सरेआम की गई हत्या के प्रेमी होते हैं
इसलिए तर्क और प्रमाण की वे हँसी उड़ाते हैं
वे कहते हैं हत्या ऐसी नहीं हो कि हत्यारे का पता लगाना पड़े
सज़ा में फ़ाँसी उन्हें एकमात्र अपनी चीज़ लगती है
चौराहे पर फ़ाँसी देने का आतंक उन्हें प्रिय है
वे कहते हैं कि हत्यारों की भी जघन्य हत्या होनी चाहिए
वे ऐसी हत्या के पक्ष में होते हैं जिसे देखकर रूह काँप उठे
जिसे याद कर सैकड़ों सालों तक डर लगे
पवित्र हत्यारे कहते हैं कि वे मारे जाने से नहीं डरते
वे कहते हैं उन्हें हत्या में भूल, लापरवाही और क्षमा से घृणा है
वे कहते हैं आदमी को ग्रंथियों से मुक्त होना चाहिए
वे अपने अनुयायियों से मजबूत चरित्र की उम्मीद रखते हैं
वे कहते हैं नींद में की गई हत्या अपवित्र होती है
वे कहते हैं शराब पीकर हत्या करना बहादुरी नहीं है
उनकी नज़र में सबसे शानदार हत्या वह है
जिसमें जालसाजी और धोखाधड़ी का सहारा बिल्कुल न लिया गया हो
वे ऐसे क़त्लेआम के पक्ष में होते हैं
जिसे देखकर किसी हत्यारे का सर शर्म से न झुके