भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शिनाख़्त / प्रेमरंजन अनिमेष
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:39, 6 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमरंजन अनिमेष |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अच्छा होना
जंग छुड़ाना है
लोहे के औजार से
या सोने का पानी चढ़ाना
पीतल के पात्र पर?
वह नारियल के फल का
निकलना है खोल से
जल का उबलना
लपटों का लौ में ढलना
या नदी का घर चलना?
मिट्टी होना कि मूरत
मूठ कि नोक
अच्छा होना
पेड़ होना है
कोयला
या हीरा?
होना अच्छा
होना है
या रहना
सजाना
या सँजोना...?
क्या इसमें
ऐसा कुछ है
जो औरों को हो बताना
और अपने को समझाना...?