भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टाबर-२ / दुष्यन्त जोशी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:12, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

टाबर खेलै
लड़ै-भीड़ै
बोढद्यै रीस में आय'र
अेक दूजै रै बटकौ

पण
थोड़ी ताळ पछै
टाबर
भळै रमणनै
लाग ज्यावै

बै
आपरी रीस नै
कित्ता चटकै भूल ज्यावै।