भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पोथ्यां / ॠतुप्रिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:32, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पोथ्यां नीं
तद
अंधारौ है
आखै जग में

पोथ्यां करै
च्यानणौ

खोलै आँख
दिखावै मारग
बतावै सार
मिटावै खार।