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इच्छ्या / ॠतुप्रिया
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हे मां सुरसत
ज्ञान दे
म्हूं रचूं सुरीलौ गीत
पणहारण नै
मिलै आपरै
मन रौ चायौ मीत
दु:ख-सुख में म्हूं
रैवूं अेकसी
चौखी रैवै नीत
गमीं में
नां हारूं खुद सूं
जग नै
म्हूं ल्यूं जीत।