भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सूरज / ॠतुप्रिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:04, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


सूरज जी नै
अडीकै
थूं
जद बै करै
जग च्यानणौ
तद
जावै थूं काम सारू
अर अंधारै सूं पैली
पूगै घरां

थूं
म्हारौ सूरज
थां सूं हुवै
घर च्यानणौ।