भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कागला / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:05, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कागला
पैली
घरां री छतां माथै
कागला आंवता
तद आपां
कागला उडांती टैम कैंवता
कै बटाऊ आयसी
अबै कागला आणां
बंद हुयग्या
अर
बटाऊ आणां हुयग्या कम
अर जे बटाऊ आज्यै
तद
आंवतांईं चल्या जावै
लागै
आण-जाण रा
साधन बधग्या
का पछै
अपणायत घटगी दीसै।