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जीवन / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
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अपनी खुशी न देखकर
जो देखे, जन-जन की खुशी
जीवन तो वही जीवन है !
जले शत बार
पर शिकायत न आये अधरों पर,
हँसता रहे
जीवन तो वही जीवन है ।
हृदय में पीड़ा को दबाये
आकांक्षाओं को छुपाये,
जो जले
जीवन तो वही जीवन है ।