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छवि / गोविन्द माथुर

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जैसा दिखता हूँ

वैसा हूँ नहीं मैं

जैसा हूँ वैसा

दिखता नही


जैसा दिखना चाहता हूँ

वैसा भी नही दिखता

बहुत कोशिश की

अपनी छवि बनाने की


वेशभूषा भी बदली

बालों का स्टाइल भी

बदलता रहा बार-बार

फ्रेंचकट दाढ़ी भी रखी

मुँह में पाईप भी दबाया

जैसा दिखना चाहता था

वैसा नही दिखा मैं


लोगो ने नही देखा

मुझे मेरी दृष्टि से

लोगों ने देखा मुझे

अपनी दृष्टि से


में जैसा अन्दर से हूँ

वैसा बाहर से नही हूँ

जैसा बाहर से हूँ

वैसा दिखना नही चाहता


वैसा भी

नही दिखना चाहता

जैसा कि

अन्दर से हूँ मैं