रामेश्वर प्रसाद / परिचय
डॉ. रामेश्वर प्रसाद
एम.ए. (हिंदी तथा दर्शन शास्त्र), साहित्यालंकार, एमडीएसएच
बी.पी.सी. कॉलेज, लालगंज,वैशाली (बिहार) के प्राचार्य पद से सेवा निवृत्त. उम्र के आठवें दसक में भी पूरी सक्रियता से अध्ययन एवं अध्यापन में संलग्न.
बज्जिका साहित्य के मूर्धन्य रचनाकारों में प्रतिष्ठित. बज्जिका में तत्सम के विशिष्ट प्रयोग के लिए चर्चित.
दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से गीतों का प्रसारण. विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित.
कृतियाँ –
विभिन्न साहित्यिक विधाओं एवं विषयवस्तुओं पर 21 पुस्तकों का प्रकाशन. बज्जिका भाषा में निम्नलिखित रचनाएँ : (1) कुंती के बेटा (प्रबंध काव्य) 1976
(2) डाक्टर साहेब के बज्जिका लोकगीत, 1976
(3) हम कहाँ हती (ललित निबंध संग्रह), 1999
(4) बज्जिका लोकगीत, 2000
(5) बज्जिका गीत संग्रह, 2000
(6) बज्जिका स्वर-संगम, 2000
(7) दरकइत दरपन (ललित निबंध संग्रह), 2010
(8) जीवन बन जाए मधुसाला (भावकाव्य), 2011
(9) बहुत मूल्य हए जीवन के (गीत संग्रह), 2013
सम्मान – रघुवीर शरण राष्ट्रीय शिकार साहित्य सम्मान, 2001
महाकवि राकेश शिखर सम्मान, 2005
हरिवंश राय बच्चन राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान, 2006
आदिकवि महर्षि वाल्मीकि सम्मान, 2008
कौमुदी काव्य कला केंद्र, मुजफ्फरपुर सम्मान, 2011
डॉ. मुल्कराज आनंद राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान 2013
सम्प्रति निवास : किशोर निकेतन, पथ संख्या 4सी, बावन बीघा, कन्हौली, रमना, मुजफ्फरपुर – 842 002 (बिहार).