साबिक़ वज़ीर / दिलावर 'फ़िगार'
मद्दाह कौन हो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
चुप हैं क़सीदा-गो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
कल तक मुझे था तुम से मुलाक़ात से गुरेज़
अब शौक़ से मिलो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
आग़ाज़ ये था मुझ से सबक़ पढ़ते थे अवाम
अंजाम देख लो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
दानिश-वर ओ अदीब ओ मुदीर ओ सहाफ़ियो !
मेरे लिए लिखो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
कोई नहीं तो तुम तो रहो मेरे हम-क़दम
ऐ मेरे साबिक़ो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
यस-मैन थे जो लोग अब उन की तरफ़ से भी
हर बात पर है 'नो' कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
मुमकिन है मुझ से साबिक़ा आइंदा फिर पड़े
'उस वक़्त से डरो' कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
ऐ तालिबान-ए-इल्म सियासत के बाब में
मुझ से सबक़ पढ़ो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
मेरी ख़बर न देना मगर ऐ सहाफ़ियो !
फोटो तो खेंच लो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ
मैं ने ही अपने मुल्क की दौलत को लूटा है
ये बहस मत करो कि मैं साबिक़ वज़ीर हूँ