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हाइकु 93 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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राज रै बागां
काळा कांटा तो खिलै
फूल मुरझै
धोरा रा धोरा
उड जाया करै है
आंधी रा फूंका
लोंठा सदनां
गोधा ई गोधा भिड़ै
कियां बच सां