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हाइकु 152 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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डूबै सूरज
लै‘र लै‘र लै‘रावै
बाळू समंद
रिमझिम है
अकास रै प्रेम री
अमी फुहार
थारी छुअण
बणायो तन मन
ममोलियो सो