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आह्नान / महेन्द्र भटनागर
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अलख
जगाने वाले आये हैं,
नव-जीवन का
प्रिय मधु गीत
सुनाने वाले आये हैं !
सोहर गाने वाले आये हैं !
उर-वीणा के तार-तार पर
जीवन-राग
बजाने वाले आये हैं !
मन से हारो !
जागो !
तन के मारो !
जागो !
जीवन के
लहराते सागर में
- कूदो
- ओ गोताख़ोरो !
- जड़ता झकझोरो !