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परीक्षा और प्यार / रणजीत
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परीक्षा मत लो
कि दूसरा तुम्हें प्यार करता है या नहीं?
प्यार करो
वह भी निश्चय ही तुम्हें
बिना परीक्षा के प्यार करेगा।
प्रतीक्षा मत करो
कि दूसरा तुम्हें प्यार करे
और तब तुम भी उससे कर सको
पहले प्यार करो
फिर देखो कि वह करता है या नहीं
वह भी निश्चय ही तुम्हें
प्यार करेगा, बिना प्रतीक्षा के
परीक्षा और प्रतीक्षा
दुश्मन हैं प्रेम की
प्रेम से इन्हें दबाओ-
प्रेम से इन्हें जीतो।