भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूमिका / महेन्द्र भटनागर

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:28, 13 अगस्त 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र भटनागर |संग्रह=संतरण / महेन्द्र भटनागर }} सुनह...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुनहरी फ़सल के लिए
रसभरी ग़ज़ल के लिए

हृदय-भूमि को सींचना !

प्रिय अमिय-धरों के लिए
मधुरतम स्वरों के लिए

हृदय-तार को खींचना !