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ओल्गा तकारचुक
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ओल्गा तकारचुक

| जन्म | 29 जनवरी 1962 |
|---|---|
| उपनाम | Olga Nawoja Tokarczuk |
| जन्म स्थान | सुलेख़ो, पश्चिमी पोलैण्ड |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| आइनों में शहर (1988) कविता-सँग्रह, आलमारी (1997), दिनघर-रातघर (1998), बड़े दिन (क्रिसमस) की कहानियाँ (2000), कई ढोल बजाए एक साथ (2001), दुनिया के गुम्बद में आन्ना (2006), याकूब की सीढ़ी (2014), अन्तिम कहानियाँ (2017), गुड़िया और मोती (2018), उड़ानें (2018), विचित्र कहानियाँ (2018), मृतकों के अवशेषों पर अपना हल चलाओ (2019) | |
| विविध | |
| 2008 में पोलैण्ड का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ’नाइक अवार्ड’मिला। 2018 में प्रसिद्ध यूरोपीय बुकेर साहित्य अवार्ड मिला। पेशे से मनोविज्ञानी हैं। ग्रीन पार्टी की समर्थक हैं। | |
| जीवन परिचय | |
| ओल्गा तकारचुक / परिचय | |
