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ऋषि उवाच / स्वदेश भारती
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ऋषि कहता है —
जीवन का अन्त कब, कहाँ, कैसे होगा
उसे समय ही जानता है
और समय ही
जीवन में कर्मों को
भवितव्य तक पहुँचाता है
जीवन और कर्म का
गहरा नाता है ।
08 दिसम्बर 2012