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हम मुसकुराएंगे! / महेन्द्र भटनागर
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संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
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हम करेंगे सामना तूफ़ान का
डर नहीं हमको तनिक भी प्राण का
ध्यान केवल मातृ - भू के मान का
देश की स्वाधीनता के गीत गाएंगे !
संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
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हो भले ही राह में बाधा प्रबल
हम रहेंगे निज भरोसे पर अटल,
एकता हमको बनाएगी सबल,
हम कड़े श्रम से, धरा पर स्वर्ग लाएंगे !
संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
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जगमगाते दीपकों से प्यार है,
पास फूलों का मधुर उपहार है,
लक्ष्य में हँसता हुआ संसार है,
एक दिन दुनिया सुनहरी कर दिखाएंगे !
संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !