भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यहाँ मिले सभी हंसने वाले / ओम व्यास

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:25, 10 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम व्यास |अनुवादक= |संग्रह=सुनो नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जितने आँसू पोछे जग के,
उतने आँसू मैं रोया हूँ
हँसा हँसा कर, खून जलाया
और बना मैं वह 'खोया' हूँ
यहाँ मिले सभी हंसने वाले
रुके, हँसे और चले गये
सबको नींद सलोनी आई
जाग जागकर मैं सोया हूँ।