भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छुट्टी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:48, 11 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
छुट्टी है भाई छुट्टी है,
आज हमारी छुट्टी है।
खेल खेलते जाना है,
गाना गाते जाना है।
जी भर खाना-खाना है,
जल्दी ही सो जाना है।
छुट्टी है भाई छुट्टी है,
आज हमारी छुट्टी है।