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भौंरा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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सुनो सुनो भौंरा क्या गाता
फूल फूल पर यह मंडराता
है तो काले रंग का लेकिन
मधुर प्यार में है मदमाता
फूलों का रस इसको भाता
शूलों से भी कब घबराता
लो आया यह हट जाना तुम
नहीं पकड़ने को आना तुम
फूल फूल पर मंडरायेगा
नहीं पकड़ने को आना तुम
प्रेमी है सुन्दर फूलों का
गुन गुन करके गाना गाता