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रास्ते / आत्मा रंजन
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डिगे भी हैं
लड़खड़ाई भी
चोटें भी खाई कितनी ही
पगड़ंडियां गवाह हैं
कुदालियों, गैंतियों या
डाईनामाईट ने नहीं
कदमों ने ही बनाए हैं रास्ते।