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हाथी दादा / प्रकाश मनु

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कहाँ चले जी, कहाँ चले
हाथी दादा, कहाँ चले?
सूँड़ उठाकर कहाँ चले,
गन्ने खाकर कहाँ चले?
कान हिलाते कहाँ चले,
रौब जमाते कहाँ चले?
क्या बैठोगे बस में जाकर,
ट्रैफिक रोकोगे झल्लाकर?
देखो, भाग गया है ड्राइवर,
आ जाओ तुम अब मेरे घर!
मम्मी देगी तुमको केले,
पापा से खा लेना गाजर।