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उनतीस फरवरी / शचीन्द्र आर्य

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वह भी कितना चालाक रहा होगा,
उसने इस दिन लौट आने का वादा किया होगा
और उसने महीने में यह दिन जोड़ लिया होगा।

ऐसे उनका प्यार
इस तारीख़ में हमेशा के लिए बचा रह गया।