भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नींद ऐसी / विवेक चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:58, 27 मई 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विवेक चतुर्वेदी |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
रात के रफ़ूगर ओ ...
भर दे उनींदी आत्मा के छेद
दे मुझे नींद ऐसी
कि इक सियन में सुबह हो ।।