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रूनझुन घंटा / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

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माथो पर पगड़ी हाथो में साटो, गाड़ी हाँकै गाड़ीवान हो
रूुनझुन घंटा बैलबा बजाबै, गाड़ी चलै तूफान हो।

हाथी रंग-रंग बैलबा के जोड़ी, बुझै नै उबड-़खाबड़ हो
कनेल रनकिल्ली थरथर काँपै, जुआ बेचारा हाँफै हो
लरबर करै छै तेलला पहिया, नन्हकाँ देखाबै शान हो रूनझुन गाड़ी चलै तूफान हो।

भोरहैं उठी कॅ कुट्ठी काटै, बैलबा के लगाबै सानी हो
गरम रहै कि थरथर ठण्ढ़ी, चाहे बरसै पानी हो
असकत नै देही मेॅ ओकरा, समय के राखै ज्ञान हो
रूनझुन गाड़ी चलै तूफान हो।

दिनभर बोझो ढुवै में लगलो, कखनू नै ओकताबै हो
धौन्हों पाँजर पीठो साथें, बांही के फड़काबै हो
खून पसीना एक करी क' बसाबै अपनो जहान हो,
रूनझुन गाड़ी चलै तूफान हो।