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सरहद / संतोष अलेक्स
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यह शब्द
जितना मेरा है
उतना तुम्हारा भी है
मेरे लिए यह सूचना है
इसे पार करने पर
रिश्तेदारों से मिल पाऊंगा
दोनों तरफ तैनात सैनिक
फाटक खोलते हैं
तालियों के बीच लोग जाते हैं दोनों ओर
झंडे फहराए जाते हैं दोनों ओर
हमारे झंडों का रंग अलग- अलग है
समान है
आटा
रोटी
हींग
जीरा
हल्दी
धनिया
मिर्च नमक
दोनों तरफ
समान है दोनों तरफ
माँ की दुआ
पिता का प्यार
बहन की सिकियाँ
भाई की बेचैनी
अज़ान की आवाज
सेवई का स्वाद
खून दोनों तरफ है लाल
सरहद पार की
खबरें करती हैं परेशान
महीनों बाद
फाटक खुलता है
फिर मिलेंगे हम
खुले आकाश के नीचे
गुनगुनी धूप में
जहाँ पुन:यह एहसास दृढ हो कि
यह शब्द
जितना मेरा है
उतना तुम्हारा भी है