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तरक़ीब / पीयूष दईया
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चलते बनो या
सही दाम लगाना आना चहिए
सौदा पटाने के लिए
आला दर्जे के टिकाऊ व मर्मज्ञ बोलों का
बजाय तरक़ीब के
ये भुरता बना देते हैं वरना
मैं जैसे बन गया हूँ