भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पीड़ा / जया आनंद

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:05, 17 जुलाई 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जया आनंद |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छलनी करती है
हृदय को
और छलकती है
आंखों से,
शुद्ध करती है
आत्मा को,
पर कभी-कभी
बौद्धिक विलास के साथ
'प्रदर्शन' भी बन जाती है!