भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रिया-8 / ध्रुव शुक्ल

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:02, 11 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ध्रुव शुक्ल |संग्रह=खोजो तो बेटी पापा कहाँ हैं / ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भोर होते ही प्रिया ने
शब्द को बुलाया--

सूर्य
वह आ गया
धर्म
वह आ गया
वायु
वह आ गया
इन्द्र
वह आ गया

वह वीर पुत्रों की माँ बनी

युद्ध
उसने नहीं बुलाया
वह आ गया