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कविता वाचक्नवी / परिचय

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नाम : डॉ. कविता वाचक्नवी

जन्म : 6 फरवरी, 1963 (अमृतसर)

शिक्षा : एम.ए.-- हिंदी (भाषा एवं साहित्य), एम.फिल.--(स्वर्णपदक) पी.एच.डी. प्रभाकर-- हिन्दी साहित्य एवं भाषा, शास्त्री – संस्कृत साहित्य

भाषाज्ञान : पंजाबी (मातृभाषा), हिंदी, संस्कृत, मराठी, अंग्रेजी, नॉर्वेजियन

प्रवास : नॉर्वे, जर्मनी, थाईलैंड, यू.के.

प्रकाशन :

1)----"महर्षि दयानन्द और उनकी योगनिष्ठा" (शोध पुस्तक) 1984

2)----"मैं चल तो दूँ" (कविता पुस्तक) 2005

3)----कविता, गीत, कहानी, शोध, 50 से अधिक पुस्तकों की समीक्षाएँ, संस्मरण, ललित निबंध, साक्षात्कार तथा रिपोर्ताज आदि विधाओं में देशभर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन

4)----एन.सी.ई.आर.टी.की अन्यभाषा/ हिन्दी की पाठ्यपुस्तक (कविता सम्मिलित) 2002

5)----'ओरियंट लाँगमैन' की 'नवरंग रीडर' (दोहे सम्मिलित) 2003

6)---- केरल राज्य की 7वीं व 8वीं की द्वितीय भाषा हिन्दी की पाठ्यपुस्तक (बाल कविताएँ सम्मिलित ) 2002

7)----समवेत संकलनों में रचनाएँ

8)----कई कविताएँ नेपाली व असमिया में अनूदित

9)----टीवी विज्ञापनों के लिए लेखन

10)---समाज-भाषाविज्ञान : रंग-शब्दावली : निराला-काव्य ( पुस्तक ) जनवरी 2009

11)--- कविता की जातीयता (ग्रन्थ) मार्च 2009 |


संपादन :

1)---स्त्री सशक्तिकरण के विविध आयाम (ग्रंथ) (2004)

2)---दक्षिण भारत कान्यकुब्ज सभा स्मारिका (2003)|


सम्मान :

1) कर्पूर वसंत सम्मान (2003),

2) राष्ट्रीय एकता सद्‌भावना पुरस्कार (2002),

3) दलित मित्र (2003),

4) विद्यामार्तंड (2004),

5) महारानी झाँसी सम्मान (2001)|

संप्रति :-

1)----संस्थापक-महासचिव – 'विश्‍वम्भरा' – भारतीय जीवनमूल्यों के प्रसार की संकल्पना (संस्था)

2)----कार्यदर्शी (मन्त्री) – स्त्री समाज, अंतर्राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान न्यास

3)----केंद्रीयविद्यालय मैनेजमेंट कमेटी (एयरफ़ोर्स स्टेशन) में संस्कृतिविद् के रूप में मनोनीत

4)--- अध्यक्ष - राष्ट्रीय विचारमंच , आ.प्र.प्रकोष्ठ

5)--- सदस्य - ‘केदारसम्मान समिति’

6)----सहसम्पादक - ‘वचन’ त्रैमासिक (अनामिका प्रकाशन, इलाहाबाद)


अन्य :

1)---वर्ष 1995, 1996 में नॉर्वे में योग व ध्यान की कक्षाओं का संचालन, संयोजन व नियमन

2)---'आर्य लेखक कोश' (सं.- डॉ.भवानीलाल भारतीय) में परिचय व उल्लेख (सन् 1989)

3)----केंद्र सरकार के विविध उपक्रमों में राजभाषा हिन्दी के क्रियान्वयन विषयक आयोजनों में वक्ता के रूप में भागीदरी

4)----- आर्यसमाज बैंकॉक के आमंत्रण पर दिसंबर 1999 से फ़रवरी 2000 तक 'संस्कृत एवं हिन्दी भाषा-साहित्य में भारतीय वैदिक संस्कृति' विषयक व्याख्यान-यात्रा

5)----जीवनमूल्यों-पर केंद्रित सर्टिफ़िकेट-कोर्स का नियमन व संचालन

6)----केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा आयोजित 10 राज्यों के स्नातकोत्तर हिन्दी अध्यापकों के 3 सेवाकालीन प्रशिक्षण शिविरों में 'रिसोर्स पर्सन' के रूप में साहित्य, भाषा, भारतीयता और मूल्यशिक्षा का दीर्घकालीन अध्यापन

7)----50 से अधिक गंभीर गवेषणापूर्ण शोध आलेख

8)----विविध अखिल भारतीय संगोष्ठियों में पत्र-प्रस्तुति, संयोजन, अध्यक्षता एवम् संचालन

9)----डॉ.नामवर सिंह, डॉ.विद्यानिवास मिश्र, डॉ.प्रभाकर श्रोत्रिय, श्री अशोक वाजपेयी प्रभृति कवि, विद्वान् , आलोचकों आदि से समीक्षा-दृष्टियों, काव्य-विमर्श, साहित्य, भाषा, संस्कृति व विविध विधाओं आदि पर केंद्रित 35 से अधिक गहन विचार-विमर्शपूर्ण साक्षात्कार

10)----महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय एवम् उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, विश्वविद्यालय विभाग, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा में अतिथि –अध्यापक के रूप में अंशकालिक अध्यापन

11)---- साहित्य अकादमी, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, वैज्ञानिक एवम् तकनीकी शब्दावली आयोग, नैशनल बुक ट्रस्ट प्रभृति संस्थाओं की संगोष्ठियों, सम्मेलनों व कार्यशालाओं में आमन्त्रित, भागीदारी, पत्र प्रस्तुति

12)----- बिहार सरकार द्वारा राज्य में संस्कृत शिक्षा के अध्ययन अध्यापन के स्तर में सुधार हेतु आमन्त्रित संगोष्ठी की अध्यक्षता ( दिसम्बर 2008)

13)---- 20वीं शती की श्रेष्ठ महिला  कथाकार (सं.- श्री सुरेन्द्र तिवारी ) में सम्मिलित 

14)----- अनेक रचनाओं के पंजाबी, नेपाली, असमिया, बोडो, तेलुगु व अंग्रेजी में अनुवाद हुए

15)----- हिंदी कम्प्यूटिंग में तकनीक / नेट लेखन / पत्रकारिता में सक्रिय



                - Organiser and Member of Editorial Board for publication
                                          Of  book - `Kshan ke ghere mein ghira nahin’ [A tribute
                                          to poet Trilichan]
                 -  Conducting, editing, writing and organizing 12 web portals
                                          on the internet for the promotion of Hindi literature, Indic languages, 
                                          Indian Social and cultural education and human values.
                  -   Established a group of about 200 members [Hindi-Bharat]
                                          To inculcate, educate and encourage work in Hindi, Devnagri.
                                          The group is found, edited and run by Dr.Kavita Vachaknavee.