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शाम बतावरे मुरलीवाला / मीराबाई

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शाम बतावरे मुरलीवाला॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पीताबंर शोभे। भाल तिलक गले मोहनमाला॥१॥
एक बन धुंडे सब बन धुंडे। काहां न पायो नंदलाला॥२॥
जोगन होऊंगी बैरागन होऊंगी। गले बीच वाऊंगी मृगछाला॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। माग लीयो प्रीयां प्रेमको माला॥४॥