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भूख बँटे पर /नचिकेता

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भूख बँटे
पर, जिजीविषा की प्यास
नहीं बाँटूंगा
गर्दन भी काटूंगा
केवल घास नहीं काटूंगा
निम्बू जैसा ही निचोड़ कर
पिया हमारा ख़ून
नफ़रत की भाषा में लिखकर
मज़हब के मज़मून
बाँटूंगा हर ज़ख़्म
फ़कत अहसास नहीं बाँटूंगा