औरतें / यानिस रित्सोस
औरतें बहुत दूर हैं। उनकी चादरों से 'शुभरात्रि' की
महक आती है।
वे ब्रेड लाकर मेज पर रख देती हैं ताकि हमें यह न लगे
कि वे अनुपस्थित हैं।
तब हमें यह महसूस होता है कि यह हमारी गलती थी। हम
कुर्सी से उठते हैं और कहते हैं :
'आज तुमने बहुत ज्यादा काम कर लिया' या 'तुम रहने दो,
बत्ती मैं जला लूँगा।'
जब हम माचिस जलाते हैं तो वह आहिस्ता से मुड़ती है
और एक अनिर्वचनीय एकाग्रता के साथ
रसोईघर की तरफ जाती है। उसकी पीठ एक बेहद उदास
पहाड़ी है कई मृतकों से लदी हुई --
परिवार के मृतक, उसके मृतक, तुम्हारी खुद की मृत्यु।
तुम पुराने लकड़ी के फर्श पर उसके चरमराते क़दमों को
सुनते हो। तुम अलमारी में तश्तरियों का रोना
सुनते हो। फिर तुम उस ट्रेन की आवाज़ सुनते हो
जो मोर्चे की ओर फौजियों को ले जाती है।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल