भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मख़्मूर सईदी / परिचय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:16, 4 मार्च 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: '''मखमूर सईदी''' अपनी शायरी से भाईचारे और इंसानियत का पैगाम फैलाने …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मखमूर सईदी


अपनी शायरी से भाईचारे और इंसानियत का पैगाम फैलाने वाले मशहूर शायर मखमूर सईदी का जन्म 31 दिसम्बर, 1934 को टोंक में हुआ। उनका नाम सुल्तान मोहम्मद खाँ था, लेकिन साहित्य की दुनिया में उन्होंने उपनाम 'मखमूर' से शोहरत हासिल की। सईदी करीब 50 साल से अदीब सफर में दुनिया-भर में जाने गए। अदीबी खिदमत के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड, मिर्जा गालिब अवार्ड के साथ उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। वे कई साल से दिल्ली में रह रहे थे। उनकी प्रमुख किताबों में सियाह बर सफ़ेद, आवाज़ का ज़िस्म, सबरंग, आते-जाते लम्हों की सदा, बाँस के जंगलों से गुज़रती हवा, 'पेड़ गिरता हुआ' और 'दीवारो-दर के दरमियाँ' शामिल हैं। 2 मार्च 2010 को 76 साल की उम्र में उनका जयपुर में इंतकाल हो गया।