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दाक्षिणात्य स्त्री-2 / राजशेखर
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आँखें
ऐसे चलती हैं
जैसे चलते हों बाण
शंकर पर भी प्रहार करती है यह
द्राविड़ स्त्रियों की भ्रूलता
दूसरा धनुष है
कामदेव का
मूल संस्कृत से अनुवाद : राधावल्लभ त्रिपाठी