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हसरत / आलोक धन्वा
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जहाँ नदियाँ समुद्र से मिलती हैं
वहाँ मेरा क्या है
मैं नहीं जानता
लेकिन एक दिन जाना है उधर
उस ओर किसी को जाते हुए देखते
कैसी हसरत भड़कती है !
(1996)