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सपनो मूंगोछम / सांवर दइया
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कूख में बीज
सड़कां रै नीं
माटी रै हुवै
अर बा ई झेलै पाणी
बरसै जद पाणी
बा बूंद-बूंद पीवै
बींरी कूख में सूता बीज जीवै
सूनी-सपाट धरती माथै
परतख सांस लेवतो दीसै
ऐक सपनो मूंगोछम