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अखराऊं थांनै / नीरज दइया
Kavita Kosh से
भेळा करण नै
जोड़ा-जुगत
चेताचूक हुयोड़ा
दुनिया रा सैंग सुख।
अखराऊं थांनै
कीं लूण-लखण
बपराणा है
टाबरां खातर।
घररी तरेड़ा रो लखाव कोनी
ऊपर-छापर देख्यां सूं
दिसै-स्सौ कीं ठीक-ठाक।
ओ म्हारा सपूत बेटा
थारा टाबर अंवेरै थनै
थूं म्हांनै देख’र लख जा
थारै काल रो सुख आज।
भुगतैला सजा-
संस्कृति नै छिटकावण री
थांरी पीढी!