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अज्ञात आखर / राजेन्द्र देथा
Kavita Kosh से
पिछले कुछ वर्षों से
ह्रदय के बाएं निलय वाले
दरवाजे की दायीं तरफ
सुरक्षित सहेज रखे है कुछ
"अज्ञात आखर"
लंबे समय के लिए,नहीं चाहता मैं कि
ये अज्ञात आखर ज्ञात हो जाए समय से पहले
और क्षय हो जाए इन समस्त का क्षण भर में
इनदिनों जीवन के जजमानों का आसन इन्हीं के पास है!