अडोळौ उच्छब / रेंवतदान चारण
आजादी रौ उछब अडोळौ 
जग झूठी झणकारां सूं 
आज नूंवै दिन बिलखी लागै 
धरती वार तिंवारां सूं 
कूड़ा कोड करै कितरा दिन 
कद तक झूठा मन बिलमावै 
नैणां नीर बिखै रा बरसै 
गीत खुसी रा कीकर गावै 
दिन दूणा नै रात चौगणा 
भाव धड़ाधड़ बधता जावै 
ऊभौ धरती मिनख बापड़ौ 
आभै कीकर हाथ लगावै 
माथौ दियां मिळै नीं चीजां 
हुयगी लोप बजारां सूं 
आजादी रौ उछब अडौळौ 
जग झूठी झणकारां सूं 
आज नुंवै दिन बिलखी लागै 
धरती वार तिंवारां सूं 
बरसा बरसी बणै योजना 
पूंजी रौ बंटवाड़ौ चावै 
बात करै नित बरोबरी री 
भोळी जनता नै बिलमावै 
 समाजवाद री जै बोलणिया 
चारूं कांनी लूट मचावै 
दूजा नै उपदेस देवता 
धन धरती रौ खुद खा जावै 
सावचेत हुय रैणौ पड़सी
यां नकली उणियारां सूं 
आजादी रौ उछब अडौळौ 
जग झूठी झणकारां सूं 
आज नूंवै दिन बिलखी लागै 
धरती बार तिंवारां सूं
	
	