भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आकाश / रामकृष्ण पांडेय
Kavita Kosh से
पिछली बार
कब देखा था आकाश ?
आकाश की ओर
देखते हुए
सोचने लगता हूँ
कब देखा था आकाश
पिछली बार
धूप,
चाँद, सितारे
बादल, पंछी
कब देखा था आकाश
पिछली बार ?