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आधुनिकता / रामधारी सिंह "दिनकर"

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प्रश्न
आधुनिकता की बही पर नाम अब भी तो चढ़ा दो,
नायलन का कोट हम सिलवा चुके हैं;
और जड़ से नोचकर बेली-चमेली के द्रुमों को
कैक्टसों से भर चुके हैं बाग हम अपना।

उत्तर
ठीक है, लेकिन, प्रयोगी काव्य भी कुछ जोड़ते हो?
और घर में चित्र हैं कितने पिकासो के?